आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहे हैं जो दुनिया का Youngest CEO है । क्या आप जानते हैं कि यह पद बहुत ही जिम्मेदारी भरा है। तो ज़रा सोचिये इतनी काम उम्र वाला यह व्यक्ति इतना कैसे manage करता होगा। यह व्यक्ति कोई foreigner नहीं है बल्कि अपने India से belong करता है जिसने अपनी पढाई बीच में ही छोड़ दी और दुनिया का youngest CEO बन गया ।
तो आइये हम आपको दुनिया के youngest CEO की सफलता भरी जिंदगी के बारे में बताते हैं :-
‘सुहास गोपीनाथ ‘ जिन्होंने Global Inc की स्थापना की थी तो वह सिर्फ चौदह वर्ष के थे और तब उन्हें खुद भी नहीं पता था कि वो दुनिया के सबसे कम उम्र के CEO बन गए हैं। उन्होंने यह काम Bangalore के एक छोटे से Cyber-Cafe में बैठ कर किया था और आज Globals Inc एक multi-million dollar company बन गयी है जिसके operations USA, UK, Spain, Australia इत्यादि जैसे देशों में फैले हुए हैं। आगे चलकर इन्होने अनेकों उपलब्धियां भी हांसिल कर लीं! वह World Bank की ICT Advisory Council के Board Member बन गए। इनको European Parliament and International Association for Human Values ने “Young Achiever Award” से भी सम्मानित किया। ‘World Economic Forum’ ने इन्हे ‘Young Global Leaders’ for 2008-09 से सम्मानित किया । यह World Economic Forum के अब तक के सबसे young member भी हैं। अब तो आप भी सोच में पड़ ही गए होंगे कि भला इतनी कम उम्र में इतनी उपलब्धियां कैसे हासिल की होंगी तो आइए जानते हैं इनकी कहानी।
सुहास एक मध्यम-वर्गीय परिवार से belong करते थे । इनके पिता Indian Army में Scientist थे। बचपन में इनका interest animal और veterinary science में था। लेकिन जब इनके दोस्त computer के बारे में बोला सुना करते थे तो उनके अंदर भी एक चाहत उत्पन्न हो जाती थी। उस समय उनके घर पर computer नहीं था और न ही उसे खरीदने में सक्षम थे। इसलिए वे अपने घर के ही नजदीक में Internet Cafe पर जाया करते थे। उस समय उन्हें हर महीने सिर्फ 15 रूपए pocket money मिलती थी और इतने पैसों में वह रोज internet use तो कर नहीं सकते थे ।
उन्होंने उस दुकान के बारे में एक चीज गौर की कि यह हर रोज दोपहर 1 बजे से लेकर 4 बजे तक बंद रहती है । उन्होंने उस दुकानदार के पास एक प्रस्ताव रखा कि school से आ जाने के बाद वह 1 बजे से 4 बजे तक उस दुकानदार की दुकान को खोलकर रखेंगे और customers का भी ध्यान रखेंगे । बदले में बस वह उनको free में internet use करने दें ,बस ! फिर क्या था यह उसमे सफल साबित हुए और यह उनकी life की पहली business deal थी।
सुहास के पास अब computer और Internet दोनों उपलब्ध था। । धीरे-धीरे उन्होंने website बनाने का काम शुरू कर दिया और कुछ ही समय में उनका ये passion बन गया। उन्होंने अपनी पहली Website को free of cost बनानी पड़ी क्योंकि उनके पास references नहीं थे। उनकी पहली कमाई $100 थी जो उन्हें एक अन्य website बनाने पर मिली और तब वह मात्र 13 वर्ष के थे । लेकिन उनको पैसों को लेकर जरा भी excitement नहीं था। क्योंकि वह ये काम पैसे के लिए नहीं बल्कि अपने passion के लिए कर रहे थे । उसके बाद उन्होंने ‘coolhindustan.com’ नाम का एक portal तैयार किया। इस portal के माध्यम से वे अपनी skills को दुनिया के सामने दिखाना चाहते थे । उसके बाद तो कई कम्पनियाँ ने उन्हें अपना web-designer बनाने के लिए approach करने लगीं।
जब सुहास 9th class में थे तभी उन्होंने काफी पैसे जमा कर लिये थे। उस समय उनके भाई Engineering की पढाई कर रहे थे। उनके पिताजी को लगा कि उसे कंप्यूटर की ज़रूरत है और उनके भाई के लिए कंप्यूटर खरीद दिया। कुछ ही समय में सुहास ने भी अपना एक कंप्यूटर खरीद लिया लेकिन उनके पास अभी भी net-connection नहीं था और Net-cafe में ज्यादा समय देने से उनकी study काफी ज्यादा प्रभावित हुई। 9th class के बाद उन्होंने अपनी सारी summer vacation net-cafe की shop में काम करते हुए बिता दी।
जब 14 वर्ष के हुए तब उन्हें US की कंपनी “NetworkSolutions” से part-time job का offer मिला और वो US में उनकी education को भी sponsor करने को तैयार थे पर उन्होंने उनका यह offer reject कर दिया क्योंकि उन्होंने Bill Gates के बारे में पढ़ा था कि कैसे उन्होंने Microsoft कि शुरुआत की थी। फिर क्या था !!! उन्होंने अपनी कंपनी शुरू करने की ठान ली ताकि वह दुनिया को दिखा सके कि उम्र और qualification कभी मायने नहीं रखते । उन्होंने निश्चय कर लिया कि ‘जब मैं अपनी कंपनी start करूँगा तो मैं सिर्फ youngsters को ही कंपनी में लूँगा और उनसे उनकी qualification के बारे में नहीं पूछूंगा ‘।
9th Class की छुट्टियाँ खत्म होने के बाद ही उन्होंने अपनी कंपनी ‘Globals Inc.’ की स्थापना कर दी। उन्होंने इस कंपनी को US में register कराया क्योंकि India में 18 वर्ष से कम उम्र में कोई कंपनी की स्थापना नहीं कर सकता । registration के बाद वह company के CEO बन गए। उनका एक दोस्त जो अमेरिका की एक University का छात्र था वह उसी कंपनी का board member बन गया। इसके बाद वह काफी excited थे क्योंकि वह यही तो चाहते थे । पहले साल में ‘Globals Inc’ का turn-over 1 लाख रूपये था और वहीँ दूसरे साल में बढ़कर 5 लाख रूपये हो गया।
सुहास स्कूल के pre-board CBSE exam में Mathematics में fail हो गए । उनके स्कूल की head teacher shocked हो गईं , क्योंकि पहली बार वह किसी subject में fail हुए थे । उन्होंने उनकी माँ से शिकायत की और घर पर आकर उनकी माँ ने उनसे कसम दिलाई कि वह पढाई पर पूरा ध्यान देंगे । तभी उन्होंने अपनी माँ से कहा कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी “Bill Gates” ने अपनी पढाई पूरी नहीं की तो आप मुझे पढाई के लिए force क्यों कर रही हैं? यह सुनकर उनकी माँ उनसे काफी नाराज़ थीं, क्योंकि वह चाहती थीं कि वह Engineering और फिर MBA करके किसी अच्छी कंपनी में Job करे । उन्होंने अपनी माँ के इच्छानुसार चार महीने तक अपनी कंपनी के लिए कोई काम नहीं किया और वह board exams की तैयारी में जुट गए और वह first class के साथ परीक्षा में पास भी हो गए।
उन्होंने अपनी इस कंपनी के बारे में घर में किसी को कुछ भी नहीं बताया। वह अपनी कंपनी में वेबसाइट बनाना, online-shopping, e-commerce से related काम करते थे। कभी कभी वह US में part-time programmers को भी काम दे देते थे पर अभी तक उनका कोई ऑफिस नहीं था। उन्होंने महसूस किया कि Europe में काफी opportunities हैं क्योंकि ज्यादातर भारतीय IT companies US पर ही केंद्रित हो रहीं थीं। जब उन्होंने Spain की एक कंपनी को contact किया तब उन्होंने यह कहते हुए उनके साथ काम करने से इंकार कर दिया कि तुम Indians को तो Spanish ही नहीं आती।
सुहास ने आगे जाकर decide किया कि वे Spain में अपना एक office खोलना चाहते हैं ऐसा ही उन्होंने Italy में भी किया। देखते ही देखते वह American news-paper और BBC में छा गए। पर उन्होंने कभी lime-light में आने के बारे में नहीं सोचा था, बस उनके लिए तो एक कंपनी शुरू करना उनके passion का हिस्सा था। उन्होंने अपनी बारहवीं की पढाई पूरी कर लेने के बाद बेंगलुरु के एक Engineering College में दाखिला ले लिया । जब वह 18 साल के हुए तब उन्होंने अपनी कंपनी का European head-quarter, Bonn नामक स्थान में set-up कर दिया।
इसी तरह से उन्होंने एक छोटे से Internet Cafe से लेकर multi-national company तक का सफर तय कर दिया जिसके operations आज Europe, Middle East, US, Canada, UK, Australia, आदि जगहों पर फैले हुए हैं। उन्होंने अपना ऑफिस उसी cafe के बगल में खोला जहाँ से उन्होंने अपना साफा तय किया था । लेकिन तब तक तो वो cafe बंद हो चुका था ! वह अब अपनी कंपनी को एक Product Company भी बनाना चाहते थे और उनका पूरा focus education पर भी था। तब जाकर उन्होंने एक ऐसा software तैयार किया जो बच्चे के स्कूल में दाखिले से लेकर उसके निकलने तक उसकी सारी जानकारी रखे और आज उनका यह software India, Singapore और Middle-East के सौ से ज्यादा Schools में use हो रहा है।
वह अब अपनी कंपनी को एक Product Company भी बनाना चाहते थे और उनका पूरा focus education पर भी था। तब जाकर उन्होंने एक ऐसा software तैयार किया जो बच्चे के स्कूल में दाखिले से लेकर उसके निकलने तक उसकी सारी जानकारी रखे और आज उनका यह software India, Singapore और Middle-East के सौ से ज्यादा Schools में use हो रहा है।
जब सुहास Dr. Abdul Kalam से मिले तब वो भारत के राष्ट्रपति थे। उनकी यह meeting 15 मिनट की ही होनी थी लेकिन उनकी यह meeting लगभग देढ घंटे तक चली। उन्हें लगा ही नहीं रहा था की वह भारत के राष्ट्रपति से बात कर रहे हैं । यह पल उनके लिए बड़ा ही यादगार था।
उन्होंने अपने parents के इच्छानुसार engineering में Addmission तो ले लिया पर Bill Gates की तरह उसे complete नहीं कर पाए, क्योंकि जब वह 5th Semester में थे। तब World Bank की ओर से उन्हें board meeting attend करने के लिए invite किया गया और उस board में वह ही एक Indian थे । उस board का objective था कि emerging economies में किस तरह ICT का प्रयोग करके quality of education को improve किया जाए । Mr. Robert Zoellick, जो कि World Bank के president थे। वह सिर्फ Americans को ही बोर्ड में नहीं चाहते थे बल्कि और भी देशों से members चाहते थे। इस board का मुख्य उद्देश्य education पर focus करना था तो वह इसमें young mind person को ही इसमें include करना चाहते थे। बस वहीँ से उनकी किस्मत ने नया मोड़ ले लिया और उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह एक दिन World Bank के Board Member बन जायँगे। यह उनकी जिंदगी का कभी न भूलने वाला पल था। World Bank में CEO of Cisco, VP of Microsoft, CEO of SAP etc भी इस board के member थे।
उन्होंने हमेशा से यही माना था कि IT महज एक technology नहीं है बल्कि problems solve करने का एक medium भी है। जब उन्होंने बेंगलुरु के एक cafe से कंपनी शुरू की थी तब उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन यही एक multi-million dollar कंपनी बन जाएगी और उनका यह सपना उनके परिश्रम के बल पर पूरा भी हो गया !
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