दोस्तों ! स्वागत है आपका Stayreading.Com पर। आज हम आपसे अतीत की ऐसी नकारात्मक घटनाओं के बारे में चर्चा करने वाले हैं, जिससे इंसान आज गहरे Depression में घुसता चला जा रहा है। जिसके कारण वह वर्तमान में तो जी रहा है लेकिन उसका दिल और दिमाग आज भी इतिहास के उन्ही पन्नों में फंसा हुआ है। परेशान करने वाली पुरानी यादों के कारण सोना और यहाँ तक की दिन गुजारना भी मुश्किल हो जाता है |
हम सब के जीवन में भी कभी ऐसा समय जरूर आया होगा, जिसे हम चाह कर भी नहीं भुला पाते। लेकिन अगर आपको अपने भविष्य की थोड़ी सी भी फ़िक्र है और आप वर्तमान के हर एक पल को जीना चाहते हैं तो आपको अपने अतीत को भूलना ही पड़ेगा, नहीं तो आपका अतीत ही आपके भविष्य की कहानी लिख देगा। इसलिए आज हम आपके लिए ऐसी tips लेकर के आये हैं, जो आपको अपनी पुरानी यादों से पीछा छुटाने में मदद करेगा।
ऐसे छुटायें अपने अतीत से पीछा :
1. अतीत से केवल Useful Information को Collect कीजिये :
दोस्तों ! अगर हम अपने अतीत की घटनाओं से परेशान हैं और उसी दौरान हम गुस्से में हैं तो हम चाहकर भी अपने गुस्से और Stress से बाहर नहीं निकल पाते । यह एक सबसे बड़ा fact है क्योंकि इसमें हम धीरे-धीरे गिरते चले जाते हैं और हमारा दिमाग यह सोचना बंद कर देता है कि इस depression से कैसे बाहर निकला जाए। यह तो बस Stress में गिरता चला जाता है। हमारी पुरानी घटनाओं से सम्बंधित यह चीज़ Health से related हो सकती है , Relationship से related हो सकती है , Career से related हो सकती है , कोई Suddenly Incident से related हो सकती है या फिर Finance से related हो सकती है ।
इसी से related हम आपको एक बहुत बढ़िया Example बताते हैं जैसे एक बच्चा जिसे हम खिलौना देकर चुप तो करा देते हैं, जो अभी थोड़ी देर पहले रो ही रहा था। अगर उससे वही खिलौना छीन लिया जाए तो वह फिर से रोने लग जायेगा क्योंकि वह मात्र थोड़ी देर की ख़ुशी है। ठीक इसी तरह से हम जब किसी के साथ जब relationship से attach रहते हैं , जब वह छोड़कर चले जाता है तो हम भी अंदर ही अंदर depressed और रोने लगते हैं। जैसे शादी से पहले एक लड़का घरवालों से शादी कराने के लिए जिद करता है और शादी न कराने पर खुद को जान से मारने की धमकी दे देता है और जब घरवाले हार मानकर उसकी शादी करा देते हैं तो वह उस लड़की से परेशान होकर आत्महत्या कर लेता है। इससे यह पता चलता है कि Situation चाहे कैसी भी हो Problems तो हर एक की life में आती हैं , लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि उसी problems के बारे में सोच कहकर खुद को नुक्सान पहुचनाया जाए। अभी तो आपके सामने पूरी जिंदगी पड़ी है , जिसमे आपको बहुत कुछ करना है।
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- आपको अपनी पुरानी memory के बारे में नहीं सोचना चाहिए क्योंकि इससे हम सिर्फ depressed ही होंगे ।
- आपको अतीतसे वह information collect करनी है जिससे आप भविष्य के लिए सफल हो सकें।
- आपको इस Depression से बाहर निकलना है तो आपको क्या करना है कि अपनी पुरानी Memory से वो Data collect करना है जो आपको भविष्य की राह बनाने में मदद करे।
2. सुनहरे पलों की तरफ खुद को केंद्रित कीजिये :
आपको करना क्या है कि वर्तमान में रहकर ही आपको अपने लिए भविष्य का रास्ता बनाना है और जिस दिन आपने ऐसा करना शुरू कर दिया उस दिन आप अपने उन भयानक पलों को याद ही नहीं करेंगे। क्योंकि उस समय आपका mind खुद आने वाले सुनहरे पलों की तरफ केंद्रित हो जाएगा।
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- जिस दिन आप यह सोच लेंगे कि मुझे यह काम करना है , इससे भविष्य में यह फायदा होने वाला है, उस दिन आप अपने आप में ही बादशाह कहलाओगे।
- पुरानी यादों के बारे में सोचना मतलब time waste करना ही है क्योंकि हम वहां जा तो सकते नहीं तो हम उसके बारे में क्यों सोच रहे हैं ,इससे हमारा ही future dark होता चला जायेगा।
- आप जितना सोचोगे कि मुझे वो पल याद नहीं करना। आप उतना ही उसके बारे में सोचोगे क्योंकि यह सब सिर्फ हमारे mind में बना एक जाल है जिसमे हम फंसते चले जाते हैं।
3. अपने भूतकाल को सिर्फ भूत मानकर छोड़ दीजिये :
Past memories क्या हैं, यह एक भूत है जो बीत गया यानी आप अपने भूतकाल के बारे में जितना सोचोगे आप उसमे उतना फंसते जाएंगे और नहीं सोच के याद करोगे तब भी उसमे फंसते चले जाएंगे। इससे बढ़िया है की आप उस भूत को सिर्फ भूत मानकर पीछा छुड़ा लीजिए। आप जिस दिन यह सोच लेंगे कि मेरा past मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता तो उस past की value आपके mind में Zero हो जाएगी ।
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- Past की memories आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। क्योंकि यह सब कुछ देर का अंधी तूफ़ान होता है, जो बाद में बिलकुल शांत हो जाएगा ।
- अपने Emotional pain से डरिये मत क्योंकि ऐसे हालात में हमें कुछ समझ नहीं आता कि करना क्या है और उससे related हमें कई और तरह के भी डर पैदा हो जाते हैं।
- Past की यादें अगर आपके दिमाग में घूम रही है तो यह आम बात है। लेकिन आप इसके लिए खुद का इलाज़ या फिर दवाई खा रहे हैं तो यह abnormal है।
4. यह समझने की कोशिश कीजिये कि Problem आखिर किधर है :
आप यह जान लीजिये कि Past memories से होने वाले emotional pain जो होता है, वह आसानी से दिमाग से जाता नहीं है। इस दौरान हमें कुछ भी समझ नहीं आता कि करना क्या है और इससे related हमें डर भी बैठ जाता है। ऐसे हालात में हम सोचने लग जाते हैं कि मैंने ऐसा क्यों किया। यह समय मेरी जिंदगी में आया ही क्यों। यह सब मेरी गलती से हुआ है आदि । इसके लिए पहले आप यह समझिये कि जो problem आपके साथ है, वह अंदर है या बाहर ! अगर बाहर है तो इसे भुलाना आसान है, क्योंकि आप उस व्यक्ति से झगड़ा करके खुद को शांत कर लेंगे लेकिन problem अगर अंदर की है तो आप इससे डरकर जहाँ भी भागोगे वह आपके पीछा नहीं छोड़ सकती।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि इससे फिर पीछा कैसे छुटाया जाए? तो जैसा की हमने आपको बताया कि अगर आप उसी अतीत को zero value करार दे देंगे , तो वह आपके लिए आम बात हो जाएगी और आप उस problem को आसानी से face कर पाएंगे।
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- अगर आपके अंदर से अच्छी और बुरी दोनों ही memory निकाल दी जाए तो आप में और एक जानवर में अंतर ही क्या रह जायेगा। जिस दिन आप इस बात की गहराई को समझ लेंगे उस दिन आप अपने past memory से भी लड़ने को तैयार हो जाओगे।
- Understanding ही दुनिया का एकमात्र solution है। जिसे आपको समझना पड़ेगा।
- अपनी past memories से पीछा छुटाने के लिए आप उसकी zero value कर दीजिये और फिर देखिये कमाल।
5. Brain के साथ खेलना शुरू कर दीजिये :
अंदर की दुनिया में सिर्फ समझ ही solution है क्योंकि brain का काम ही है memories को लाना। अब चाहे वह अच्छी हो या बुरी। इसमें तो हम कुछ कर नहीं सकते लेकिन हाँ इससे डरना एक abnormal situation है। दुनिया में ऐसी कोई दवाई का आविष्कार नहीं हुआ है, जिसे आप खाकर अपनी past memories से पीछा छूटा सकते हैं क्योंकि इधर वहम का क्या इलाज़ है कुछ नहीं।
अगर आपको लगता है कि मैं इस past memories को सह नहीं पाऊंगा। तो आप गलत है क्योंकि आपके अंदर वो capability है जिसे आप अच्छे से balance कर पाओगे। उदहारण के तौर पर अगर एक Couple एक-दूसरे से यह कहता है कि मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता या सकती और जब एक ऐसी परिस्तिथि सामने आती है, जब वह अलग हो जाते हैं। तो क्या वे मर जाते हैं नहीं ना। इसलिए बात को समझिये और बिंदास रहिये ।
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- अपने अंदर की Capabilites को पहचानिये।
- ऐसी situation में आप अपने brain के साथ खेलना शुरू कर दीजिये। नहीं तो आप यह सब Imagine करके खुद को ही अपनी नज़रों में गिरा देंगे ।
- अगर आपके साथ भी ऐसा कुछोटा है तो आप आने वाले 10 मिनट में जितना उस दुःख के बारे में सोचना है, सोचिये। उस 10 मिनट में आप यह समझ जाएंगे कि जो हम सोच रहे हैं इसकी तो कोई value ही नहीं है।
6. अतीत की चुनौतियों का सामना कीजिए :
अतीत में आपने जिन भी चुनौतियों का सामना किया है, उन्हें स्वीकार करें। ऐसे मामलों में यह जरुरी हो जाता है आप इस चीज़ को स्वीकार करें। आपके अतीत के अनुभवों का प्रभाव आपकी आज की आदतों और दुनिया को देखने के नजरिये पर पड़ रहा है | इससे बचने का यह उपाय है कि आप इस बात का दिखावा करना बंद करें कि आप अतीत की घटनाओं से प्रभावित हैं। आप अपने अतीत से छुटकारा तब तक नहीं पा सकते। जब तक आप अपने अतीत के अस्तित्व को स्वीकार ना लें।
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- अतीत की चुनौतियों को स्वीकार कर सामना कीजिए |
- ऐसे हालत में दुनिया को देखने का नजरिये बदलिए।
- अगर आपको किसी ऐसी घटना की याद आती है जिससे आपका काफी बुरा अनुभव था तो आप अपने आपको शांतिपूर्ण तरीके से समझाने की कोशिश करें कि वास्तव में आपके साथ हुआ क्या था और अभी क्या हो रहा है |
7. अपने Emotions को मत दबाइए :
अगर आप अपने आप को ऐसी परिस्थिति में पाते हैं जिसमें आपके अंदर अतीत के लिए Emotional है तो आप इन Emotions को दबाने की की बजाए अपने आप को समय दें। जिसमे आप सोचें कि ऐसे हालात से आपको आगे क्या होने वाला है और आपका अतीत आपके वर्तमान को किस तरह से प्रभावित कर रहा है |
ऐसे Situation में अतीत के अनसुलझे अनुभव आप का रिश्ता उन चहेते लोगों से मजबूत बनने से भी रुक जाता है जिनकी आप सबसे ज्यादा परवाह करते हैं | ऐसे में आप उन सपनों में खोये रहते हैं जो कभी सच नहीं हो सके और इसका यह परिणाम निकलता है कि आपके आज के सोचने के तरीके और आदतों में गहरा बदलाव आ जाता है।
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- अपने अंदर के Emotions को दबाने की बजाए आप अपने आप को समय दें |
- उन सपनों से बाहर आइए जो कभी सच न हो सके |
- अपने हालात से दबने की बजाय आप उसका सामना कीजिये और यह सोचिये कि इससे आपको आगे क्या होने वाला है और आपका अतीत आपके वर्तमान को किस तरह से प्रभावित कर रहा है |
8. धैर्य रखने की कोशिश करें :
आपको अपनी यादों से बाहर निकलना चाहिए और अपने दिमाग को यह याद दिलाना चाहिए कि जैसा आप सोच रहे हैं, हकीकत उससे कहीं अलग है क्योंकि Emotional pain के कारण आपका दिमाग काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल देता है और इससे बाहर निकलने में आपको लम्बा समय लग सकता है, इसलिए अपने आप को थोड़ी आजादी दें और धैर्य रखने की कोशिश करें |
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- अपनी यादों से बाहर निकालिये।
- अपने दिमाग को यह याद दिलाइए कि जैसा आप सोच रहे हैं, हकीकत उससे कहीं ज्यादा अलग है।
- अपने आप को थोड़ी आजादी दें और धैर्य रखने की कोशिश करें।
9. अपने दिमाग को handle करना सीखिए :
इस बात को अपने दिमाग बैठा लीजिये कि जो हो चुका है, आप उसे बदल नहीं सकते लेकिन जी हाँ ! आप उसे किस नज़रिये से देखते हैं, यह आप जरूर बदल सकते हैं। आप अपने अतीत में दोबारा तो जा नहीं सकते। यह तो आप भी मानते हैं , लेकिन आप इसे किस तरह से handle करते हैं, यह मुख्य बात है। अगर आप अपने दिमाग को handle करना नहीं सीखते तो आप अपने खुद को दुख के सिवा कुछ नहीं दे सकते और अपने Emotional Pain का बोझ ढ़ोते रहेंगे |
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- अपने सोचने और देखने का नजरिया बदलिए।
- यह जान लीजिये कि जो हो चुका है, उसे आप बदल नहीं सकते, तो उसके बारे में सोचना आपके समय का व्यर्थ ही है।
- अपने Emotional Pain का बोझ ढोने से बेहतर है कि आप अपने दिमाग को handle करना सीख लीजिये क्योंकि यह आपको दुख के सिवा और कुछ नहीं दे सकता |
10. अपने Emotions को feel कीजिये :
अपने अतीत के विषय में आपकी जैसी भी भावनाएं हों, उन्हें आप खुद के अंदर महसूस होने दें | इसके बाद इन भावनाओं को गायब होने के लिए छोड़ दें | जब आप अतीत से दुख का अनुभव करेंगे , तो अपने आप को यह याद जरूर दिलाएं कि इन Negative Emotions में रहकर आखिर में हम अपना ही नुकसान कर रहे हैं | आप चाहे जितना भी दुःख स्वीकार कर लें, उससे अतीत में जो हुआ है उसे बदला नहीं जा सकता है | इसलिए अपनी भावनाओं को स्वीकार करें और इसके बाद अपने अंदर झांककर उसमे से Positive Emotions को ढूंढिए जिससे आपके अंदर प्रेम की भावना जागृत हो ।
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- जैसा कि हमने आपको बताया कि अपने अतीत के विषय में अपने Emotions को feel कीजिये।
- आप यह जान लीजिये कि चाहे जितना भी आप दुःख स्वीकार कर लें, उससे अतीत में जो हुआ, बदला नहीं जा सकता |
- अपनी भावनाओं को स्वीकार कर उसमे से Positive Emotions को ढूंढिए |
11. Supported feel के लिए खुद को अकेला मत छोड़िए :
अतीत के उलझे हुए अनुभवों के कारण कई बार हम अपनी जिंदगी में आने वाले नए लोगों पर विश्वास करना ही बंद कर देते हैं। लेकिन अतीत के बुरे अनुभवों से पड़े प्रभावों को मिटाकर आप अपने मन को केंद्रित कर सकते हैं | आप दूसरे लोगों से घिरे रहने पर खुद को भयभीत होने की बजाय Supported feel करेंगे, इसलिए लोगों से घुलिये मिलिए | ऐसा करने से आप अपनी कमजोरियों को ठीक तरह से समझ सकेंगे और आप दूसरे लोगों में उनकी कमजोरियों और गौर करने वाली चीज़ों को भी जान पाएंगे |
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- अपने मन को Positive way में केंद्रित कीजिये।
- लोगों पर विश्वास बनाएं रखें।
- अपनी कमजोरियों को ठीक तरह से समझिये और उन्हें Improve करने की कोशिश कीजिये।
12. ऐसे लोगों से दूर रहिये जो आपको अतीत की याद दिलाएं :
आपको अपने Circle में उन लोगों पर भी ध्यान दीजिये जो बार-बार आपको नीचा दिखाने और आपको अतीत की याद दिलाए। उन लोगों के बारे में जरूर सोचिये जो आपके आसपास हमेशा रहते हैं | आप यह भी सोचे कि यह लोग जब आपके साथ रहते हैं तो आप कैसा महसूस करते हैं | अगर आपके जीवन से कुछ ऐसे लोग जुड़े हुए हैं जो आपको बुरा महसूस कराते हैं या आपको नकारात्मक आदतों को अपनाने की सलाह देते रहते हैं तो ऐसे लोगों के साथ कम-से-कम समय गुजारा करें |
ऐसे लोग जो लगातार आपको नीचा दिखाने में लगे रहते हैं, उन्हें आपकी जिंदगी में शामिल रहने का भी कोई अधिकार नहीं है | वो लोग जो आपको आगे बढ़ने से रोक रहे हैं , उनसे आप दूरी बना लीजिये यही ज्यादा बेहतर है | हम जानते हैं यह आपके लिए आसान नहीं होगा, लेकिन नामुमकिन भी तो नहीं है। यह आपकी जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए एक सहायक कदम होगा |
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- ऐसे लोगों से दूर रहें जो आपको नीचा दिखाने की कोशिश करते हों ।
- ऐसे लोगों के साथ कम-से-कम समय गुज़ारें जो आपके अंदर नकारात्मक आदत डालते हों।
- उन लोगों से दूर रहिये जो आपको आगे बढ़ने से रोक रहे हों।
13. अतीत के बुरे अनुभवों से अपनी आदतों को नज़रअंदाज़ मत कीजिये :
कभी-कभी हम ऐसी आदतें बना लेते हैं जो हमें अतीत के बुरे अनुभवों का सामना करने रोकती हैं | ऐसी स्थिति में आपको इस आदत को छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए | ऐसे हालात में हम कभी-कभी ये महसूस ही नहीं कर पाते कि बुरे अनुभवों ने हमें कितना बदल दिया है | हम इन बदलावों को नजरअंदाज करके इसे रोज की आदत बना लेते हैं | इसलिए अपने व्यवहार में आये परिवर्तनों के बारे में जानने का सबसे बेहतरीन तरीका है कि आप अपने किसी भरोसेमंद व्यक्ति से पूछें कि मेरे अंदर क्या बदलाव आये हैं | अक्सर दूसरे लोग उन परिवर्तनों को नोटिस कर लेते हैं जो हम खुद नोटिस नहीं कर पाते |
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- ऐसी आदतों पर जरूर गौर कीजिये जो हमें अतीत के बुरे अनुभवों का सामना करने से रोकती हैं।
- इन बदलावों को नजरअंदाज मत कीजिये जिसे आप रोज की आदत बना लेते हैं |
- अपने व्यवहार में आये परिवर्तनों के बारे में जानने का सबसे बेहतरीन तरीका है कि आप अपने किसी भरोसेमंद व्यक्ति से पूछें कि मेरे अंदर क्या बदलाव आये हैं |
14. उन खुशियों पर गौर करें जो आपने अपनी व्यस्त जिंदगी में Miss की हो :
अतीत के प्रकोप से बाहर निकलने के लिए आप अपने अंदर बदलाव लाने की प्रक्रिया को धीमे गति से शुरू कीजिये लेकिन उस बदलाव को अच्छे से स्वीकार भी करें। धीमी गति से किया गया बदलाव एक अच्छा परिणाम देता है क्योंकि रातों रात आप अपने अंदर तो बदलाव ला नहीं सकते। इसके लिए आपको अच्छे से समय भी देना पड़ेगा | सबसे पहले आप यह सोचना बंद कर दीजिये कि “अभी तक मुझे इन यादों से उबर जाना चाहिए था” ! आप उन खुशियों पर गौर करें जो आपने अपनी व्यस्त जिंदगी में miss कर दी। जैसे आपको Magazines पढ़ना , Computer games से खेलना आदि मिस कर दिया है, तो आप इसका आनंद उठा सकते हैं | ताकि आप उस बुरे अतीत से दूर हो सकें और अपने आप को मनोरंजन दे सकें और आप अपनी सोच को सकरात्मक ढंग से रखें ताकि आप अपने आस पास की चीज़ों को सिर्फ और सिर्फ उसके benefit के रूप में सोचेंगे न कि उसके होने वाले प्रभाव से।
छोटी-छोटी मगर मोटी बातें :
- अपने अंदर बदलाव लाने की प्रक्रिया शुरू कीजिये ।
- अपनी सोच को सकारात्मक रखें ।
- बुरे दौर की अगर आपके पास ऐसी चीज है, जो आपको Emotional और उस बुरे अतीत की याद दिलाती है। आप उन चीज़ों को ऐसी जगह रख दीजिये जहाँ आप कम जाते हों जैसे Store room ! उन बुरे दौर में कुछ भी हो सकता है जैसे – रिश्ते में दरार , छूटी हुई मनपसंदीदा नौकरी आदि।
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